मनु स्मृति- महिला और स्वतंत्रता (भाग-I)

“पिता रक्षति कौमारे भर्ता रक्षति यौवने। रक्षन्ति स्थाविरे पुत्राः न स्त्री स्वातन्त्र्यमर्हति ।।” आज लगभग सभी लोग मनु स्मृति के इस श्लोक को इसके स्थापित किए गए गलत अर्थ के लिए जानते है। इस श्लोक को अक्सर हिन्दू धर्म में “महिलाओं की स्वतंत्रता” को नकारने और उन्हें सीमित करने के अंतिम प्रमाण के रूप में प्रचारित किया जाता है।